S Jaishankar in Quad Meeting: अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में मंगलवार को क्वाड (Quad) देशों की विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के कूटनीतिक प्रयासों की जमकर सराहना की गई. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जयशंकर को ‘बहुत बिजी आदमी’ बताते हुए कहा कि उन्होंने छह महीने में कई बार अलग-अलग देशों में उन्हें देखा है.
जयशंकर हर हफ्ते नए देश में नजर आते हैं: रुबियो
बैठक की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एस जयशंकर की अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक सक्रियता को सराहते हुए कहा, मैंने छह महीनों में कई बार उन्हें अलग-अलग देशों में देखा है. हर बार जब मैं खबरें देखता हूं, जयशंकर किसी और देश में होते हैं. वो वाकई बहुत व्यस्त हैं. यह बयान क्वाड के मंच पर भारत की भूमिका को लेकर अमेरिकी प्रशंसा का प्रतीक माना जा रहा है.
🚨: “Every time I turn on the news, Dr. Jaishankar is in a different part of the world — he’s a very busy man”
– Us Sec Of State Marco Rubio pic.twitter.com/3afRWWtQ8G
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) July 1, 2025
क्वाड बैठक में रणनीतिक साझेदारी और नई पहल
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने क्वाड (Quad) बैठक में आपसी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर जोर दिया. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्वतंत्रता बनाए रखने, समुद्री सुरक्षा मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता बढ़ाने के उपायों पर बातचीत हुई. जयशंकर ने बैठक के बाद सोशल मीडिया पर इसे बहुत प्रोडक्टिव बताया और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की.
लॉन्च हुआ क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव
क्वाड देशों ने संयुक्त रूप से एक नई पहल की घोषणा की, जिसका नाम Quad Critical Minerals Initiative रखा गया है. इसका उद्देश्य खनिज आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित और विविध बनाना है ताकि चारों देश मिलकर आर्थिक सुरक्षा और सामूहिक आत्मनिर्भरता को मजबूत कर सकें. इसे हमारी साझेदारी का एक महत्वाकांक्षी विस्तार कहा गया.
व्यापार समझौते की उम्मीद
बैठक से पहले जयशंकर ने कहा था कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति हो रही है और बीच का रास्ता निकालने के लिए थोड़ी बहुत रियायतें दोनों ओर से जरूरी होंगी. दूसरी ओर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ एक व्यापार समझौता कर सकता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को लाभ होगा और भारत में कम टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, उन्होंने जापान के साथ समय सीमा तक डील होने पर संदेह जताया.