राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस पर तिरंगे को सलामी दी. तिरंगे के साथ सजे कर्तव्य पथ की भव्यता ने समारोह को ऐतिहासिक बनाया.

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने बतौर मुख्य अतिथि समारोह की शोभा बढ़ाई. यह भारत और इंडोनेशिया के रिश्तों की गहराई का प्रतीक है.

गणतंत्र दिवस के जश्न में तिरंगे थीम वाले बैनरों और सजावट ने पूरे वातावरण को राष्ट्रीय गौरव से भर दिया. कर्तव्य पथ पर यह दृश्य अद्वितीय था.

तीन मिग-29 विमानों की बाज फॉर्मेशन ने परेड को आकर्षक बनाया. यह भारतीय वायुसेना की शक्ति और तकनीकी कौशल का प्रतीक है.

राफेल और सुखोई समेत 40 लड़ाकू विमानों के करतब ने कर्तव्य पथ के आसमान को रोमांचक बना दिया. इनकी गगनभेदी आवाज ने देशभक्ति का माहौल रच दिया.

आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर की झांकी ने नौसेना की आत्मनिर्भरता और ताकत को प्रदर्शित किया. झांकी ने समुद्री सुरक्षा में भारत की उपलब्धियों को उजागर किया.

भारतीय सेना के सिग्नल कोर की मोटरसाइकिल राइडर टीम ‘डेयर डेविल्स’ ने अपने साहसिक स्टंट से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. यह प्रदर्शन कौशल, संतुलन और साहस का प्रतीक है.

गणतंत्र दिवस परेड में 5,000 लोक और आदिवासी कलाकारों ने अपनी नृत्य शैलियों को जीवंत किया.उन्होंने अपने पारंपरिक वस्त्रों, आभूषणों, सिर पर सजाए गए पारंपरिक मुकुटों और भाले, तलवारें, ढोल जैसे पारंपरिक सामानों के साथ अपनी संस्कृति और विरासत का शानदार प्रदर्शन किया.

सेना की मार्चिंग टुकड़ियों में ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, महार रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट और सिग्नल कोर शामिल थे.

76वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक धरोहर और आत्मनिर्भरता का भव्य प्रदर्शन हुआ.
Published at : 26 Jan 2025 05:24 PM (IST)