Service Sector PMI: भारत के सर्विस सेक्टर का PMI (Purchasing Managers Index) मई के 58.8 से बढ़कर जून में 60.4 पर पहुंच गया. हालांकि, यह लगाए गए शुरुआती अनुमान 60.7 से कम है. HSBC India Services की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई. इससे पता चलता है कि स्ट्रॉन्ग डिमांड और कीमतें कम होने की वजह से इस सेक्टर ने पिछले 10 महीनों में अब सबसे लंबी छलांग लगाई है.
इन देशों से भी बढ़ी डिमांड
ध्यान रहें कि जब भी पीएमआई 50 से ऊपर रहता है, तो यह बढ़त को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे गिरावट का संकेत देता है. जून के महीने में न्यू बिजनेस सब इंडेक्स तेजी से बढ़ा है क्योंकि घरेलू बाजार में निरंतर मजबूती से कंपनियों को फायदा पहुंचा है. ऐसा एक्सपोर्ट ऑर्डर में आई तेजी के चलते हुआ है, भले ही यह मई के मुकाबले कुछ कम है.
HSBC India Services के पैनालिस्टों के मुताबिक, एशियाई, मिडिल ईस्ट और अमेरिकी बाजार में सुधार की वजह से विदेशों से डिमांड को मजबूती मिली है. डिमांड बढ़ने से रोजगार भी बढ़ा है. हालांकि, मई में रिकॉर्ड हाई लेवल से रोजगार में कमी आई है.
आगे बढ़ रही देश की इकोनॉमी
HSBC India Composite PMI Output Index भी जून में मई के 59.3 से बढ़कर 61 हो गया, जो पिछले 14 महीनों में सबसे तेज है. यह इंडेक्स मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों सेक्टर की एक्टिविटीज के बारे में बताता है. इस हफ्ते रिलीज हुई मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा से पता चलता है कि जून में फैट्री एक्टिविटीज तेज हुई है यानी कि सर्विस सेक्टर की परफॉर्मेंस में सुधार हुआ है.
क्यों जरूरी है PMI?
सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का हाल जानने के लिए PMI इंडेक्स बहुत ही जरूरी है. हर महीने पीएमआई सर्वे होता है क्योंकि इससे देश की आर्थिक गतिविधियों के बारे में पता चलता है और इनकम में हो रही बढ़ोतरी का भी अंदाजा लगाया जाता है.
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