Gaurav Gogoi in Lok Sabha: कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मंगलवार (11 फरवरी, 2025) को लोकसभा में कहा, ‘ब्रह्मपुत्र असम की जीवन रेखा है और इस पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने का चीन का हालिया फैसला देश की जल सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है.’
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, ‘ब्रह्मपुत्र में जल प्रवाह पर चीन के असंतुलित नियंत्रण के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर दोनों को पत्र लिखा गया है.’ उन्होंने कहा, ‘ब्रह्मपुत्र असम की जीवन रेखा है और भारत की एक प्रमुख रणनीतिक परिसंपत्ति है. यारलुंग जांगबो-ब्रह्मपुत्र पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने का चीन का हालिया फैसला भारत की जल सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है.’
‘क्या सरकार को पता था, चीन इस तरह का बांध बना रहा है’
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता ने मांग की, कि जल-बंटवारा और प्रबंधन खासकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्रालय के स्तर पर भारत की चीन के साथ कूटनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख घटक होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मेरा सवाल ये है कि क्या इस सरकार को पता था कि चीन इस तरह का बांध बना रहा है और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने के लिए इस सरकार ने क्या किया है?’
केंद्र सरकार ने 6 फरवरी को संसद को सूचित किया था कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग सांगपो नदी के नीचे के प्रवाह की ओर चीन द्वारा एक मेगा-बांध परियोजना की घोषणा पर उन्होंने ध्यान दिया है.
विदेश राज्य मंत्री ने दी जानकारी
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ये भी कहा, ‘सीमा पार नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चीन के साथ ‘संस्थागत विशेषज्ञ स्तरीय प्रणाली’ के दायरे में चर्चा की जाती है, जिसे 2006 में स्थापित किया गया था. उन्होंने कहा कि चीन के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से भी बातचीत होती है.’
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