<p style="text-align: justify;">हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों में और ज्यादा तल्खी आ गई है. इस घटना के बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की मांग तेज हो गई है. इसी बीच एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि जो पाकिस्तानी छात्र हर साल भारत की यूनिवर्सिटियों में पढ़ाई के लिए आते हैं, उनका भविष्य क्या होगा?</p>
<p style="text-align: justify;">हर साल भारत की यूनिवर्सिटियों में बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, तंजानिया जैसे देशों के हजारों छात्र दाखिला लेते हैं. इसी लिस्ट में पाकिस्तान के भी छात्र शामिल हैं, जो भारत के मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और लॉ जैसे प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेकर पढ़ाई करते हैं. लेकिन पाकिस्तान के छात्रों के लिए भारतीय वीजा पाना किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं होता.</p>
<p style="text-align: justify;">गृह मंत्रालय के नियमों के अनुसार पाकिस्तानी छात्रों को भारत में एडमिशन के लिए दोनों देशों की सरकारों से अनुमति लेनी होती है. सिर्फ यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लेना ही काफी नहीं, उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम होने का प्रमाण देना होता है और भारत में रहने की पूरी जानकारी पुलिस को देनी होती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आसानी से नहीं मिलता वीजा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आंकड़ों की बात करें तो हर साल बड़ी संख्या में पाकिस्तानी छात्र भारत में हायर एजुकेशन के लिए आवेदन करते हैं. लेकिन इनमें से अधिकांश को वीजा नहीं मिल पाता. कई बार सुरक्षा कारणों से आवेदन रिजेक्ट कर दिए जाते हैं. और अब, पहलगाम जैसी घटनाओं के बाद यह और भी मुश्किल हो सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अधूरा रह सकता है सपना</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अब सवाल है कि जो पाकिस्तानी छात्र भारत में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं, लेकिन वीजा का इंतजार कर रहे हैं, उनका क्या होगा? क्या पहलगाम के बाद भारत की नीति और सख्त हो जाएगी? ऐसे में इन छात्रों का सपना अधूरा रह सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सरकार ने लिए कड़े फैसले</strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं. जिनमें सिंधु जल समझौता सस्पेंड, वीजा पर रोक, पाकिस्तानी राजनियकों को भारत छोड़ने, अटारी बॉर्डर बंद जैसे कड़े फैसले लिए गए हैं. साथ ही SAARC वीजा स्कीम पाकिस्तानियों को भारत में एंट्री नहीं मिलेगी और जिन्हें वीजा मिले थे, उन्हें रद्द कर दिया गया है.</p>
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पाकिस्तान से भारत पढ़ने हर साल कितने आते हैं स्टूडेंट्स, वीजा न मिलने से उनका क्या होगा?
